मंगलवार, 21 जुलाई 2020

किसान मजदूर सेना ने किसानों की समस्याओं को लेकर मांग पत्र सौंपा

किसान मजदूर सेना के द्वारा किसान समस्याओं को लेकर 4 बिंदुओं को लेकर जिलाधिकारी/उप जिला अधिकारी के नाम एक मांग पत्र सौंपा जिसमे मुख्य बिंदु राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिश लागू करवाना, गन्ना किसानों के भुगतान को तुरंत करवाना, द फार्मर प्रोड्यूसर ट्रेड एंड कमर्स प्रमोशन एंड एफीलिएशन 2020, को तुरंत वापस लेने श्रमिकों को उनके राज्य में केवल कागज पर नहीं बल्कि औद्योगिक इकाइयों का विकास करके समुचित रोजगार देने इन चार बिंदुओं को लेकर किसान मजदूर सेना के मंडल पदाधिकारियों के द्वारा एक मांग पत्र जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी के नाम देने का पदाधिकारियों ने प्रयास किया मौके पर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी नहीं मिले इसके बाद पदाधिकारियों ने अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह को मांग पत्र सौंपने का निर्णय किया इस संबंध में जब पदाधिकारी उनके कार्यालय में मांग पत्र सौंपने गए कार्यालय के बाहर उनके अर्दली यह कह कर मना कर दिया की जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में ज्ञापन देना है तो सिटी मजिस्ट्रेट के पास जाओ फिर पदाधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट के पास के कार्यालय गए जहां पर सिटी मजिस्ट्रेट का कार्यालय बंद मिला फिर उन्होंने एडीएम को दोबारा ज्ञापन लेने के लिए अपनी मांग रखी बमुश्किल एडीएम साहब कार्यालय से बाहर आकर झल्लाते हुए बोले ज्ञापन देने का लेने का काम जिलाधिकारी व सिटी मजिस्ट्रेट का है मेरा नहीं अब लाए हो तो दे दो और चलता बनो ऐसे शब्दों से किसान मजदूर सेना के पदाधिकारी काफी आहत दिखे एक तरफ सरकार इस कोरोना महामारी के समय किसानों को अन्नदाता व भगवान की संख्या दे रही है वही हमारे अधिकारीगण किसानों की समस्याओं का एक मांग पत्र लेना भी मुनासिब नहीं समझते



इस कोरोना महामारी के समय यदि किसी ने देश को बचाया है तो हमारे किसानों ने बचाया है इन्हीं किसानों के खून पसीने से इन अधिकारियों के घरों का चूल्हा जलता है यह अधिकारी उनकी समस्याओं को सुनने के लिए राजी नहीं है ऐसे में क्या योगी सरकार का यह कहना किसान अन्नदाता है भगवान की श्रेणी में आता है केवल चाटुकारिता महज है यदि वास्तव में योगी सरकार और मोदी सरकार किसानों को भगवान अन्नदाता का दर्जा दे रही है तो क्या ऐसे पदाधिकारी को अपने पद पर बने रहने का हक है इस प्रश्न पर सरकार को विचार करना होगा और अपनी नीति स्पष्ट करनी होगी क्योंकि भारत देश कृषि  प्रधान देश है इस कारण किसान है वही मोदी जी ने खुले शब्दों में अपने भाषण में कहा था कि हम किसानों की आय 2022 तक दुगनी कर देंगे जब उनके अधिकारीगण किसान समस्याओं को सुनने के लिए राजी नहीं है तो ऐसे में क्या 2022 में किसानों की आय दुगनी होगी यहां से मालूम होता है वास्तव में सरकार किसानों का भला करना चाहती है किसानों की बातों को कम से कम सुने और उसे दूर करने का प्रयास करें और ऐसे अधिकारी को हमारे मंडल में रहने का वास्तव में कोई हक नहीं है किसान मजदूर सेना के पदाधिकारियों ने ऐसे अधिकारी की खुले शब्दों में निंदा की है देखना दिलचस्प होगा क्या सरकार ऐसे अधिकारी पर दंडात्मक कार्यवाही कर पाती है या ऐसे अधिकारी किसानों मजदूरों आम नागरिकों के साथ सौतेला व्यवहार करते रहेंगे ।  इस अवसर पर देवीपाटन मंडल संयोजक शुक्ला प्रसाद शुक्ला देवीपाटन मंडल प्रभारी पीके शुक्ला देवीपाटन मंडल प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी जिला अध्यक्ष अरविंद वर्मा जिला महामंत्री श्रीधर पांडे ब्लॉक अध्यक्ष इटियाथोक कयूम खान मीडिया प्रभारी पी के द्विवेदी उपस्थित रहे।


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