कानपुर में मैनावती मार्ग पर स्थित इस्कॉन मंदिर में 16 अगस्त शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य पर उत्साह उमंग के साथ विशिष्ट महोत्सव मनाया गया।
मंदिर में कृष्ण कालिया तालाब,गौशाला एवं उपवनों की झांकियां एवं लाइटों से सुशोभित थे। मंदिर की अलंकारमय सजावट को देखकर ऐसा प्रतीत हुआ ।की मानो ब्रज के वनों में अपना विस्तार प्रकट कर दिया ।
जगमगाता इस्कॉन प्रांगण कानपुर वासियों के लिए आकर्षण का केंद्र बना।
कानपुर इस्कॉन से जुड़े भक्तों ने ही इस उत्सव की भव्य तैयारियां कई महीनों पूर्व से ही प्रारंभ कर दी थी।
15 अगस्त की संध्या 5:00 बजे से विशेष सांस्कृतिक संध्या प्रारंभ हुई।
सिंगापुर थाईलैंड गोवा बेंगलुरु इत्यादि अनेक स्थान से आए हुए दुर्लभ पुष्पों द्वारा संपूर्ण मंदिर को सजाया गया।
पुष्पों की उस खास प्रजाति का प्रयोग किया गया जो की स्वतंत्रता दिवस में लाल किले पर भी सजाए जाते हैं।
मंदिर में प्रवेश करते हुए विभिन्न झांकियां विशेष रूप से
श्री वासुदेव कृष्ण की रंगोली ने सभी को आकृष्ट किया।
16 अगस्त सोमवार को 4:30 बजे मंगल आरती के साथ ही उत्सव का प्रारंभ हुआ ।
लाखों की संख्या में भक्तों ने श्री श्री राधा माधव के जन्माष्टमी विशेष दर्शन प्राप्त किए।
इस वर्ष वृंदावन के कुशल कारीगरों के द्वारा श्री श्री राधा माधव की रत्न जड़ित पोशाक तैयार की गई।
दर्शन आरती एवं गुरु पूजा के पश्चात श्रीमद्भागवत कथा सत्र में आईआईटी मुंबई से विद्या प्राप्त इस्कॉन मुंबई से आए हुए विशेष वक्ता एवं शस्त्र मर्मज्ञ श्रीमान दामोदर प्रभु जी के द्वारा श्री कृष्ण जन्मोत्सव की रहस्य को मनमोहक लीलाओं के द्वारा समझाया गया।
10:00 बजे से श्रद्धालु गण के द्वारा श्री भगवान को तुलसी अर्पण प्रारंभ हुआ । दिव्य स्नान के अंतर्गत विशिष्ट शंखों में श्री श्री राधा कृष्ण का अभिषेक किया गया।फोक(फैमिली ऑफ़ लॉर्ड कृष्ण) आरती के माध्यम से हजारों भक्तों ने श्री राधा कृष्ण की विशिष्ट आरती संपन्न की। जन्माष्टमी के उपलक्ष्य पर पूरे दिन मंदिर के कपाट खुले रहे।
डेढ़ लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं ने हरे कृष्ण महामंत्र की आकर्षक दिव्य ध्वनि का आनंद लेते हुए श्री श्री राधा माधव के मनमोहक दर्शन प्राप्त किए।
जन्माष्टमी के उपलक्ष्य पर
श्रीमती नीलिमा कटियार जी विधायक कल्याणपुर, श्रीमती प्रमिला पांडे जी, महापौर, श्रीमान अरुण पाठक जी एमएलसी एवं कानपुर नगर के डीएम, एसडीएम, सीडीओ, सीएफओ, पुलिस कमिश्नर और कमिश्नर इस विशेष अवसर पर उत्सव में सम्मिलित हुए।
रात्रि 8:00 बजे से कलश अभिषेक के अंतर्गत अनेक श्रद्धालु भक्तों ने चांदी कलश द्वारा श्री श्री राधा माधव के उत्सव विग्रह को भी स्नान अभिषेक कराया।
रात्रि 11:30 बजे से श्री श्री राधा माधव का 108 चांदी के कलशों के द्वारा भव्यतम अभिषेक संपन्न किया गया साथ ही श्री भगवान को 1008 व्यंजनों का भोग भी अर्पित हुआ।
ठीक रात 12:00 श्री कृष्ण के प्राकट्य समय पर बृहद मृदंग की ध्वनियों, करताल की झंकार के साथ संकीर्तन के द्वारा भगवान की महा आरती संपन्न हुई।
जन्माष्टमी के उपलक्ष पर इस्कॉन द्वारा विभिन्न स्कूलों में कृष्ण लीला से संबंधित प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।
नन्हे मुन्ने बच्चों ने श्री कृष्ण की कृपा प्राप्त करते हुए अपनी अपनी कलाओं का प्रदर्शन किया।
तीन दिवसीय उत्सव ने सभी भक्तों को कृष्ण चेतन से ओत्प्रोत कर अपार आनंद का अनुभव कराया।
मंदिर अध्यक्ष श्रीमान प्रेम हरिनाम प्रभु जी ने मंदिर में पधारे सभी श्रद्धालुओं का
अभिवादन किया।
महा अभिषेक के पश्चात सभी को स्वादिष्ट कृष्ण प्रसाद भी वितरित किया गया।
श्रील प्रभुपाद की कृपा से आप संपूर्ण विश्व में इसी प्रकार से श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
जब जब भगवान प्रकट होते हैं तो वह समस्त जगत पर कल्याण करने हेतु अपने पार्षदों को भी पृथ्वी लोक पर भेजते हैं।
ऐसे ही महान आचार्य हुए श्रील प्रभुपाद जिनका 129 वां प्राकट्य महोत्सव रविवार 17 अगस्त को मनाया जाएगा और इसी के साथ तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव का समापन होगा।
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