17 वर्षीय अचिन्त्य अग्रवाल ने अपने जन्मदिन के उपरांत अपने घर के आसपास बेकार पड़ी प्लास्टिक होर्डिंग्स को देखा और उनके मन में एक विचार आया — क्या इन रंग-बिरंगी परंतु अनुपयोगी होर्डिंग्स को किसी सार्थक कार्य में लाया जा सकता है?
जब वह अपने थिएटर प्रोजेक्ट "नाट्यशाला" के अंतर्गत ग्रामीण विद्यालयों का दौरा कर रहे थे, तो उन्होंने देखा कि अनेक बच्चों के पास ढंग का स्कूल बैग तक नहीं है। कई बच्चे अपनी पुस्तकें हाथ में लेकर आते थे। यह दृश्य उन्हें भीतर तक झकझोर गया।
अचिन्त्य ने दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी के साथ मिलकर इस सोच को एक सामाजिक पहल का रूप दिया और Boards4Change की नींव रखी, जिसमें बेकार पड़ी होर्डिंग्स से टिकाऊ और सुविधाजनक स्कूल बैग्स बनाए गए। यह संपूर्ण परियोजना संस्था की संस्थापक श्रीमती मनप्रीत कौर के मार्गदर्शन में संचालित की गई।
अब तक 1200 से अधिक बहुउद्देशीय बैग्स 40 से अधिक विद्यालयों में वितरित किए जा चुके हैं, जिससे लगभग 650 किलोग्राम प्लास्टिक अपसाइकिल किया गया है और 15 लाख लीटर जल एवं 1500 किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन की बचत की गई है। आगामी महीनों में 10,000 और बैग्स वितरित करने की योजना है।
आज इस पहल के अंतर्गत ‘गुरु नानक पब्लिक बॉयज़ स्कूल’ में एक विशेष बैग वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्लास्टिक के पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण के महत्व को रेखांकित करते हुए एक लघु नाटक प्रस्तुत किया गया। इस प्रस्तुति में काव्या मित्तल, नाएशा अरोड़ा, आद्या अग्रवाल, आर्यव अग्रवाल और अव्यान अग्रवाल ने भाग लिया।
इस नाटक का निर्देशन एवं मार्गदर्शन किया एडवोकेट एवं समाजसेविका सुश्री दिशा अरोड़ा ने, जो दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी की लीगल एडवाइज़र एवं सदस्य हैं।
हम कार्यक्रम के आयोजन में पूरा सहयोग देने हेतु प्राचार्य श्री मनप्रीत सिंह जी का हृदय से आभार व्यक्त करते हैं।
साथ ही, हम अपने मुख्य अतिथि श्री आई.एम. रोहतगी जी (संस्थापक, यूनाइटेड पब्लिक स्कूल एवं दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी) एवं बी.के. प्रीति सैवानी जी (मेंटॉर, दिव्यांग डेवलपमेंट सोसाइटी) का भी विशेष धन्यवाद करते हैं, जिनकी गरिमामयी उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी सार्थक एवं प्रेरणादायक बनाया।
साथ ही हम सभी उपस्थितजनों, स्वयंसेवकों और सहभागियों का आभार व्यक्त करते हैं, जिनके सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हो पाया।
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