कानपुर: *वित्तविहीन शिक्षक-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन देने की मांग* कानपुर वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को लाकडाउन अवधि में वेतन रहित कर के लावारिस छोड़ा तथा भूखा मरने के लिए विवश किया।शासन ने राजतंत्र का उदाहरण प्रस्तुत कर वेतन भुगतान करने का आदेश प्रबंधकों को कर तो दिया,परंतु शुल्क लेने का प्रतिबंध लगाकर वेतन देने का आर्थिक स्रोत बंद कर दिया और राजधर्म का पालन न करके राहत के रूप में आर्थिक सहायता पैकेज जारी नहीं किया,जबकि यह सभी कुशल श्रमिक की श्रेणी में आते हैं। *उक्त उद्गगार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (पांडे गुट) के महामंत्री हरिश्चंद्र दीक्षत ने एक विज्ञप्ति में व्यक्त किया* विज्ञप्ति के अनुसार लाकडाउन के दौरान शुल्क न लेने के कारण प्रबंधकों का वेतन देने संबंधी आर्थिक स्रोत बंद है। तो उनके द्वारा वेतन देने का सूत्र क्या होगा पर विचार नहीं किया। शासन ने वेतन भुगतान का आदेश देकर अपने दायित्व का अनुपालन समझ कर मौन धारण कर लिया है। विचार करने की आवश्यकता है, कि जब वेतन देने का स्रोत बंद कर दिया जाएगा और आर्थिक सरकारी सहायता भी नहीं दी जाएगी तो वेतन भुगतान का आदेश राजतंत्र बनकर रह गया है।जो राजधर्म से दूर है।सरकार और शासन के प्रबल मांग है कि राजधर्म का सहारा छोड़कर राजधर्म का पालन करते हुए वित्तविहीन शिक्षकों को राहत पैकेज प्रदान करें तथा उन्हें सरकारी कोष से कुशल श्रमिक की संज्ञा स्वीकार करते हुए आर्थिक सहायता प्रदान करें।

रविवार, 3 मई 2020
वेतन की मांग करते शिक्षा कर्मचारी

- अधिकारियों द्वारा चकरपुर मंडी का निरीक्षण
- आवाज़ दो हम एक है
- आखिर हम भी इंसान है
- उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर मामले में CBI ने की IAS अदिति सिंह, IPS पुष्पांजलि सिंह व IPS नेहा पांडे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश
- यूपी के बिजली विभाग में मीटर रीडिंग के नाम पर हो रहा भ्रष्टाचार
- ऑनलाइन क्लास खत्म होते ही पांचवी के बच्चे ने टाई को फंदा बनाकर लगा ली फांसी
- अवैध संबंध के शक में पति ने पत्नी और उसके प्रेमी पर किया हमला, बीवी का कटा सिर लेकर थाने पहुंचा पति
- जौनपुर में कस्टोडियल डेथ के बाद उग्र प्रदर्शन, भीड़ के पथराव में सब इंस्पेक्टर सहित कई घायल
- (शीर्षकहीन)
- बिल्हौर की शान सपा नेत्री रचना सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें