शनिवार, 7 दिसंबर 2019

डॉ भीमराव अंबेडकर की अंतिम रचना बुद्धा एंड हिज धम्मा

आज 6 दिसंबर को भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश के तत्वधान में बोधिसत्व भारत रत्न बाबा साहेब डॉ बीआर अंबेडकर के 64वें परिनिर्वाण दिवस पर डॉ बीआर अंबेडकर ल प्रतिमा स्थल नाना राव पार्क कानपुर नगर में विगत वर्षों की भांति परित्राण पाठ एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया 1956 ईस्वी में सदियों से मृत प्राय शोषित समाज में अंधकार की सगन कलीमा को वदिर्न कर प्रकाश एवम ऊर्जा का संचार करने वाले प्रज्वलित प्रकाश पुंज अनंता 5/6 दिसंबर को बुझ गया। सभी देशवासी उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं ।सभा में वक्ताओं ने बाबा साहेब के जीवन संघर्षों पर प्रकाश डाला और कहा कि बाबा साहेब के पार्थिव शरीर आज हमारे बीच नहीं है, किंतु उनके विचार हमारे बीच जीवन पथ पर आलोकित हैं, सभा में बाबा साहब के परिनिर्वाण दिवस पर पूर्व में घोषित सार्वजनिक अवकाश की बहाली की मांग की गई तथा बाबासाहेब के परिनिर्वाण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में प्रशासन के अपेक्षित सहयोग के ना मिलने पर शोक व्यक्त किया गया डॉ.महादेव ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा भारतीय एवं सभी मानवतावादी दर्शन में व्यक्ति के अंतिम इच्छा को पूर्ण करना सच्ची श्रद्धांजलि माना गया है ।बाबा साहेब की अंतिम इच्छा बुद्धमय भारत बनाने की थी।अपनी अंतिम सांस लेने के बाद कुछ दिन पूर्व बाबासाहेब ने बहुत ही शारीरिक पीड़ा को सहते हुए अपने अंतिम रचना बुद्धा एंड हिज धम्मा पूर्ण की थी बाबा साहेब द्वारा रचित पुस्तक को एक बार अवश्य पढ़ने की अपील डॉ महादेव द्वारा की गई। श्रद्धांजलि सभा में महासभा के सभी पदाधिकारी एवं धम्म अनुयाई जिला अध्यक्ष श्रवण कुमार म,डॉक्टरेट महादेव सुनील गौतम ,केके गौतम, प्रेमजी बौद्ध  डॉ आर बी गौतम ,दिलीप कुमार, लाल चंद्र, डॉ सरोज आदि उपस्थित रहे।


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