करोना वाइरस की महामारी के मद्देनजर पर्यावरण शुद्धि महायज्ञ******************************* आज 20 मार्च को न्यू आजाद नगर में आर्य समाज हंसपुरम नौबस्ता कानपुर के द्वारा वेदों उच्चारण के माध्यम से पर्यावरण शुद्धि के लिए महायज्ञ किया गया। आर्य समाज के मंत्री प्रत्यूष द्विवेदी ने बताया कि यज्ञ के धुएँ से प्राण में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यज्ञ के माध्यम से बीमारियों से छुटकारा पाने का जिक्र ऋग्वेद में भी है।
यज्ञ के लिए पवित्रता की जरूरत होती है ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे।यज्ञ करने से पूर्व स्वच्छता का ख्याल रखें। हवन के लिए आम की लकड़ी, बेल, नीम, पलाश का पौधा, कलीगंज, देवदार की जड़, गूलर की छाल और पत्ती, पीपल की छाल और तना, बेर, आम की पत्ती और तना, चंदन की लकड़ी, तिल, जामुन की कोमल पत्ती, अश्वगंधा की जड़, तमाल यानि कपूर, लौंग, चावल, ब्राम्ही, मुलैठी की जड़, बहेड़ा का फल और हर्रे तथा घी, शकर जौ, तिल, गुगल, लोभान, इलायची एवं अन्य वनस्पतियों का बूरा उपयोगी होता है।
यज्ञ के लिए गाय के गोबर से बनी छोटी-छोटी कटोरियाँ या उपले घी में डूबो कर डाले जाते हैं। यज्ञ से हर प्रकार के 94 प्रतिशत जीवाणुओं का नाश होता है । कार्यक्रम में प्रमुख रूप से महेश चंद्र, दिव्य द्विवेदी, प्रत्यूष द्विवेदी, गंगा नारायण शुक्ला, ज्ञानेंद्र मिश्रा, योगेन्द्र जयसवाल, भोला ,राजेंद्र मिश्रा, रंजना, निशी ,अन्नपूर्णा ,आदि ने अपना सहयोग प्रदान किया।

शुक्रवार, 20 मार्च 2020
हर संभव कोशिश करोना वायरस से बचने के लिए

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- (शीर्षकहीन)
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